Recent Posts

banner image

Theme Support

banner image

गर्भावस्था की दौरान होने वाली नौ जटिलताएं-pregnancy problems

 गर्भावस्था की दौरान होने वाली नौ जटिलताएं-pregnancy problems
pregnancy problems

 आइए जानें, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कौन-कौन सी जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।



1.
Pregnanc problems गर्भावस्था की जटिलताएं
गर्भावस्था के दौरान ही महिला  को जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। इन में से अधिकतर सामान् ही होती हैं| लेकिन उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कई बार तो छोटी-छोटी समस्याएं बडी रूप ले लेती हैं। तो आइए जानें कुछ ऐसी ही आप समस्याओं के बारे में।



2.
nausea गंभीर मतली और उल्टी
मतली को गर्भावस्था के दौरान ही सामान्य माना जाता है। लेकिन इसका गंभीर रूप चिंताजनक भी हो सकता है। ऐसे में आप को कुछ भी खाने-पीने की इच्छा नहीं होती है। इससे डिहाड्रेशन भी हो सकता है| जो बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप को गंभीर मतली होने का अनुभव हो रहा है तो आप अपने डॉक्टर से तुरन् संपर्क करें। वह आपको दवा ​​या अहम आहार में बदलाव करने की सलाह जरुर दे सकता है।



3.
Bladder infection पेशाब के रास्ते में संक्रमण
पहले तीन महीनों में गर्भाशय तो द्वारा मूत्रमार्ग में दबाने से पेशाब रुक जाता था। इस से संक्रमण होने का खतरा होता है। इस लिए गर्भवती महिलाओं को सलाह भी दी जाती हैं की वो जितनी ज्यादा से जायदा  बार हो सके तो पेशाब करें। संक्रमण में जलन होती है। और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से आमतौर पर यह जलन ठीक भी हो जाती है। सोडा पीने से भी फायदा होता है। यह पेशाब के अम्लीयता को कम करता है। पेशाब में संक्रमण होने से समय से पहले प्रसव होने का डर रहता है।


4.
Back pain during pregnancy पीठ दर्द
गर्भावस्था में बढ़ते हुए बच्चे के हड्डी बनने के लिए मां के खून से कैल्शियम बच्चे में जाता है। अगर खून में पर्याप्त हो, तो मां की हड्डियों से ही निकाला जाता है। यानि कैलशियम की कमी से हडि्डयों में से कैलशियम निकल जाता है। तब गर्भावस्था के दौरान या फिर उसके बाद, पीठ दर्द इसी कारण होता है। इसलिए महिलाओं को अपने अहम आहार खाने में दूध,मछली, मांस आदि शामिल करनी चाहिए, क्योंकि इन सब चीजों में काफी कैल्शियम होता है। इसके अलावा प्रतिदिन कैल्शियम की गोली भी लेने की जरुरत पड़ती है।



 5.
Flu pregnancy फ्लू के लक्षण

गर्भवती महिलाओं में जल्द ही बीमार हो जाने की संभावना भी अधिक रहती है। फ्लू के मौसम में अन्य महिलाओं की तुलना में फ्लू से बहुत गंभीर परेशानी हो सकती हैं। इस लिए तो गर्भवती महिलाओं को फ्लू वैक्सीन लगवाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर आपको फ्लू हो गया है तो डॉक्टर से मिलने का समय निश्चित निकाले। ताकि अन्य गर्भवती महिलाओं में ये फ्लू फैल सके।



6.
Umbilical cord गर्भनाल का आगे की ओर बढ़ाव
नाल की रस्सी को बच्चे की जीवन रेखा भी कहा जाता है, यानि इसके जरिए से ही भ्रूण का ऑक्सीजन और माता के शरीर से अन्य पोषक तत्त् मिलते रहते है। प्रसव से पहले या फिर प्रसव के दौरान जब गर्भाशय ग्रीवा से गर्भनाल निकल जाता है| तो बच्चे पैदा करने के लिए जन्म नहर में पर्ची नाल प्रोलाप्सेड कॉर्ड सायद हो सकता है या नहीं भी, कुछ मामलों में तो गर्भनाल योनि के माध्यम से ही खून बाहर आता है तो यह भ्रूण के लिए अवरोध भी पैदा करता है जो की मां और बच्चे के लिए बहुत ही खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है। तो ऐसे में तत्काल चिकित्सा पर ध्यान देना चाहिए।



7.
High blood pressure in pregnancy उच् रक्तचाप
गर्भावस्था की जटिलताओं में उच्च रक्तचाप सबसे बड़ा कारक है| जो की गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और महिला एवं गर्भस्थ शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। महिलाओं में तो गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की समस्या बहुत ही जायदा देखी जाती है। गर्भ के विकास के साथ-साथ  उच्च रक्तचाप की स्थिति अधिक ही बढ़ती है। गर्भावस्था के भोजन में पौष्टिक और खाद्य पदार्थों के अभाव में महिलाएं ज्यादा रक्ताल्पता की शिकार होती हैं। और रक्ताल्पता से गर्भस्थ शिशु का विकास भी रुक जाता है। और इस से गर्भवती महिला को बहुत हानि पहुंचती है। गर्भस्राव की आशंका भी बनी रहती है।



8.
shortness of breath सांस की तकलीफ
जैसे-जैसे आप के गर्भ में पल रहे शिशु का विकास होता जाता है तो आप का विस्तृत हो रहा गर्भाशय आप के फेफड़ों पर दबाव पड़ता जाता है| और आप को सांस की तकलीफ महसूस होने लगती है। ऐसा जयादा तर तीसरे तिमाही में होता है जब आप के गर्भ में पल रहे शिशु का वास्तविक विकास भी हो जाता है और इसी वजह से आप को सांस की तकलीफ होने लगती है।



9.
Vein नसों का फूलना
गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में ब्लड की मात्रा बहुत ज्यादा ही बढ़ जाती है। इस से नसें फैल जाती हैं। साथ ही में गर्भाशय के पीछे बड़ी-बड़ी नसों पर दबाव भी पड़ता है, जो ब्लड को वापस हार्ट तक पहुंचने के  गति को धीमा कर देती है। इन कारणों से पैरों की और गुदा की नसों को फूलना आम होता है। फूली हुई नसें त्वचा में सूजी हुई लगती हैं। और इनका रंग बैंगनी या नीला होता है। ये जयादातर पीठ के पीछे या फिर पैरों के भीतर पाई जाती हैं।







गर्भावस्था की दौरान होने वाली नौ जटिलताएं-pregnancy problems  गर्भावस्था की दौरान होने वाली नौ जटिलताएं-pregnancy problems Reviewed by Mohammadtipusultan on 00:13:00 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.